आज मिल सब गीत गाओ (भजन )

आज मिल सब गीत गाओ (भजन)


आज मिल सब गीत गाओ, उस प्रभु के धन्यवाद ।


जिसका यश नित गाते हैं, गन्धर्व मुनि जन धन्यवाद ।।१।।


मन्दिरों में कन्दरों में पर्वतों के शिखर पर ।


देते हैं लगातार सौ-सौ, बार मुनिवर धन्यवाद ॥२॥


करते हैं जङ्गल में मङ्गल, पक्षिगण हर शाख पर ।


पाते हैं आनन्द मिल, गाते हैं स्वर भर धन्यवाद ||३||


कूप में तालाब में, सिंधु की गहरी धार में ।


प्रेम रस में तृप्त हो, करते हैं, जलचर धन्यवाद ||४|


- शादियों में कीर्तनों में, यज्ञ और उत्सव के आदि |


मीठे स्वर से चाहिए, करें नारी नर सब धन्यवाद ।।५।


गान कर 'अमीचन्द' भजनानन्द ईश्वर की स्तुति |


ध्यान धर सुनते हैं श्रोता, कान घर घर धन्यवाद ||६||


 


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