आज का विचार

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🌞ओ३म्🌞


संसार में बहुत से लोग हैं।  कुछ आप के निकट व्यक्ति हैं, जो आपके परिवार के सदस्य हो सकते हैं, रिश्तेदार हो सकते हैं, मित्र हो सकते हैं। और कुछ दूर के लोग भी हैं, जो बाजार में ट्रेन में बस में यात्री के रूप में या वैसे ही कहीं बाग बगीचे में मिल जाते हैं। इनमें से जो निकट व्यक्ति हैं, वे आपके ऊपर अपना अधिकार समझते हैं। *निकटता के कारण उनकी पहुंच आप तक सरल भी होती है। और इस निकटता तथा अधिकार समझने का दुरुपयोग करते हुए, वे आपके साथ अनेक बार अत्याचार शोषण या दुर्व्यवहार आदि भी कर लेते हैं।*
परंतु *जो लोग दूर के हैं, जो कभी-कभी मिलते हैं, रेल बस बाग बगीचे या बाजार में कहीं मिलते हैं, वे आप पर अपना कोई विशेष अधिकार नहीं रखते। इसलिए वे लोग आपके साथ अधिक सभ्यता से व्यवहार करते हैं।* उठते बैठते चलते फिरते अगर कहीं छोटा सा धक्का भी लग जाए, तो तुरंत माफी मांग लेते हैं।
परंतु *जो निकट के व्यक्ति हैं, वे तो आपका बहुत कुछ छीन कर भी आपके ऊपर एहसान चढ़ाते हैं कि हमने तुम्हारा यह किया, तुम्हारा वह किया इत्यादि।*
 अब आप सोचिए, किन लोगों से आपको अधिक सुख मिलता है? दूर वालों से या निकट वालों से? *निकटता वाले लोगों से संबंध भी निभाने पड़ते हैं। परंतु उनके साथ संबंध निभाते हुए, उनसे सावधान अवश्य रहें। ऐसे लोग निकटता के कारण आपकी बहुत सी वस्तुएं भी छीन सकते हैं,  और आपके साथ अनेक दुखदायक व्यवहार भी कर सकते हैं।* - *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*


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