लाजा होम विधि

लाजा होम विधि


          इस विधि में कई महत्वपूर्ण सन्देश हैं। (१) प्रथम भाई-बहिन के सात्विक प्रेम की झाँकी। भाई-बहिन को आश्वस्त करता है कि बहिन पिता अपने दायित्व से मुक्त हो गये तो क्या, तुम्हारा इस परिवार से बराबर स्नेह-सम्बन्ध बना रहेगा। (२) जिस प्रकार लाजा (धान) एक जगह जन्म लेकर उसकी पौध पुनः दूसरी जगह लगाई जाकर ही विकसित होती है उसी प्रकार कन्या लाजा के तुल्य है वह पितृकुल में जन्म लेकर अब पति कुल में भावी विकास को प्राप्त हो सकेगी। (३) जिस प्रकार लाजा (खील) अग्नि की तपन  को ऊपर ही सहार लेती है, अन्दर से खिली रहती है उसी प्रकार नारी (पत्नी) गार्हस्थ्य जीवन में आने वाले संकटों की अग्नि को अपने मन के ऊपर ऊपर ही रखकर अन्तर में सदैव सुप्रसन्न ही बनी रहती है। यह अन्तिम सन्देश पत्नी-व्यवहार का प्राण है।


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