धनतेरस का दिन और धवंतरी

*धनतेरस*
*ऋषि धन्वंतरि का जन्मदिन* 


जो आयुर्वेद के पितामह है, 
किन्तु गुलामी काल में हिन्दु इस दिन का वास्तविक अर्थ भूल गया
और धनतेरस को वस्तुऐ खरीदने
का दिन बना दिया 


वैदिक ज्ञान को न समझने के कारण 
हम नजाने ओर कितने पाखण्ड में गिरेंगे


ऋषि धन्वंतरि कहते है 
आयुर्वेद का पालन करो तो तुम्हारे जीवन मे ऐश्वर्य आयेगा 


हमने उल्टा अर्थ लेकर खरीदारी शुरू कर दी


आयुर्वेद ने स्वस्थ शरीर को ही धन माना है


पहला सुख निरोगी काया और दूजा सुख घर में माया
धन लक्ष्मी को दूसरा दर्जा दिया गया है


धनतेरस अर्थात भगवान ऋषि धन्वंतरि जयंती का अर्थ..


आयुर्वेद में विद्या पूजन का अर्थ -
प्रकृति, औषधि, वनस्पति और इन सबसे बढकर प्रकृति की गोद में उपजी प्राकृतिक निधियों की शुध्धता-सुरक्षा अर्थात सत्कार ही पूजा है


धन्वन्तरि जयंती का अर्थ महर्षि धन्वन्तरि के जन्म दिवस पर प्रकृति की अनुकूलता प्राप्त करके, प्रकृति की असीम अनुकंपा प्राप्त करना है


आयुर्वेद के अनुसार धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर और दीर्घायु से ही हो सकती है


और संसार में शल्य तंत्र को पुर्णतः विकसित किया
आज संसार में शल्य तंत्र (सर्जरी) आयुर्वेद की देन है


ऋषि धन्वंतरि के जन्मदिन की शुभकामनाऐ 
हमारा जीवन आयुर्वेद के विरुद्ध न हो यही हमारी मंगल कामना है 


नित्य करो योग, रहो निरोग
योगी बनो उपयोगी बनो


स्वस्थ रहो मस्त रहो


स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ 💐


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