आज का पंचाग

।🕉🙏  नमस्ते जी  🙏🕉


आपका दिन शुभ  हो 


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      10 अक्टूबर 2019  


दिन -----           गुरुवार
तिथि ---            द्वादशी
नक्षत्र ----          शतभिषा
पक्ष ------           शुक्ल
माह-- ---           आश्विन
ऋतु --------        शरद
सूर्य दक्षिणायणे,उत्तर गोले  
विक्रम सम्वत --2076
दयानंदाब्द -- 195
शक सम्बत --  (सप्तम)
सृष्टि सम्वत--1960853120



🍎 पहला सुख निरोगी काया 
 बीड़ी व तंबाकू का नशा: 100 ग्राम अजवाइन 100 ग्राम सौंफ 30 ग्राम काला नमक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर पूर्णिमा के चांद के प्रकाश में रख दें, पुनः उसे डिब्बी में रख लें और जब जब नशे की तलब लगे तो थोड़ी-थोड़ी इस दवा को खा लें, दोषों से छुटकारा मिल जाएगा।
   


 आज का विचार 


" बुराई छोड़ने की "प्रबल इच्छा" ही बुराई को छुड़ा पाती है !
 
आचार्य भानु प्रताप वेदालंकार इन्दौर मध्यप्रदेश 9977987777 ,9977957777
 



 हिन्दी संकल्प पाठ 


हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5121वर्ष चल रहा है ,सृष्टिसम्वत्सर एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बीसवां वर्ष है,विक्रम सम्बत् दो हजार छियत्तर है,दयानंदाब्द 195वां है सूर्य दक्षिण अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु शरद , मास आश्विन का शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी नक्षत्र - शतभिषा, दिन आज गुरुवार है ,अंग्रेजी तारीख 10 अक्टूबर को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के  ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री  .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए  प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ,जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ!कृपा कर यज्ञ सम्पन्न कराइए।



  आज का संकल्प पाठ                    


ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{एक वृन्दषण्णनवतिकोट्याष्टलक्षत्रिपञ्चासत्सहस्र विंश अधिक शततमे मानव सृष्टिसम्वत्सरे}, १९६०८५३१२० सृष्टि सम्वतसरे,२०७६ {षटसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब }, शाके १९४१  दयानंदाब्द(पञ्च नवती उत्तर शततमे) १९५ , रवि दक्षिणायणे, दक्षिण गोले, शरद ऋतौ, आश्विन मासे शुक्ल पक्षे , द्वादशी तिथि, शतभिषा नक्षत्रे  गुरुवासरे ,तदनुसार १० अक्टूबर २०१९ 
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डेआर्यावर्तान्तर्  गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


 आचार्य भानु प्रताप वेदालंकार


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